भूल गए हम गाम गली को, भूल गए हैं सूबे।
एक छोरी के चक्कर में हम, आशिकी में डूबे।।
दिल को लगा के यारों अपना खाना पीना भूल गए,
उल्फत में दीवाने होकर, इश्क का झूला झूल गए।
उसकी चाहत में इस दिल ने, बना लिए मनसूबे,
एक छोरी के चक्कर में हम, आशिकी में डूबे।।
ना दिन का पता दीवानगी में, और रात को भी भूले,
सपने में बस वो ही दिखे, और हम घोड़ी पे दूल्हे।
इस दुनिया में सात अजूबे, हम आठवे अजूबे,
एक छोरी के चक्कर में हम, आशिकी में डूबे।।
आंखों में है उसका चेहरा,और दिल में उसकी बातें,
यादों में उसकी कटती हैं, अपनी सारी रातें।
फंस गए हम तो दिल दे के, इस उल्फत में सूदे,
एक छोरी के चक्कर में हम, आशिकी में डूबे।।
#Lyrics_Amit_Alok