चेन्नई. विपक्षी अन्नाद्रमुक छात्र इकाई के सदस्यों ने मंगलवार को यहां एक विशाल विरोध प्रदर्शन किया और सत्तारूढ़ द्रमुक सरकार से तमिलनाडु में छात्राओं और महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों को रोकने की मांग की।
अन्नाद्रमुक के राष्ट्रीय प्रवक्ता कोवै सत्यन ने कहा कि ‘ध्यान आकर्षित करने वाला’ विरोध प्रदर्शन द्रमुक सरकार को ‘नींद’ से जगाने और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए भी था। उन्होंने इस मुद्दे पर राज्य सरकार की आलोचना की और कहा कि राज्य पुलिस बल में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। सत्यन ने कहा कि हाल ही में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को अधीनस्थ महिला पुलिस कांस्टेबल के कथित यौन उत्पीडऩ के लिए निलंबित कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि तमिलनाडु में स्कूली शिक्षा संस्थान 'यौन उत्पीडऩ शोषण का केंद्र' बनते जा रहे हैं। एक गांव में एक गणित शिक्षक 43 बच्चों से छेड़छाड़ कर सकता है। राज्य की ऐसी दुर्दशा पहले कभी नहीं देखी। पिछले एक महीने में लगभग 69 मामले दर्ज किए गए हैं। केवल 40 प्रतिशत लोग ही मामला दर्ज कराने के लिए आगे आते हैं, शेष 60 प्रतिशत को नहीं पता कि कहां जाना है, इसे कैसे आगे बढ़ाना है। सरकार इनकार करने की मुद्रा में है और गहरी नींद में है।
कॉलेज छात्राओं से छेड़छाड़
पार्टी के छात्र विंग के सचिव सिंगाई रामचंद्रन ने दावा किया कि पिछले सौ दिनों में 63 स्कूल और कॉलेज जाने वाली छात्राओं से छेड़छाड़ की गई। पिछले एक महीने में लगभग 69 मामले दर्ज किए गए हैं। रामचंद्रन ने दावा किया कि पिछले कुछ सालों में यौन शोषण की घटनाओं में 40-50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। डीएमके सरकार इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। काली शर्ट पहने और कुछ की आंखों पर पट्टी बंधी अन्नाद्रमुक सदस्यों ने राज्य सरकार की निंदा करते हुए नारे लगाए और पीडि़तों को न्याय दिलाने की मांग की।