सवाईमाधोपुर. अपनी गाढ़ी कमाई जोडक़र आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी में निवेश करने वाले लाखों लोग आज पाई-पाई को मोहताज हो गए है। निवेशक 3 साल से अपने खुद के पैसे लेने के लिए भटकने को मजबूर है। सैकड़ों ऐसे निवेशक भी हैं जिन्होंने इसी भरोसे पर निवेश किया था कि बुढ़ापे में वे इसी के सहारे जिंदगी गुजार लेंगे लेकिन अब उनके सामने संकट खड़ा हो गया है। बिना पैसे इलाज के अभाव में लोग अपनों को खो चुके हैं और सैकड़ो ऐसे हैं जो इलाज भी नहीं करा पा रहे है।
जिला मुख्यालय पर ही एक हजार से अधिक केस
आदर्श कॉपरेटिव फाइनेंस में निवेश के बाद ठगे के मामलों की संख्या पूरे जिले में हजारों की संख्या में है। जिला मुख्यालय पर ही यह संख्या एक दो या तीन बल्कि एक हजार से अधिक है। ऐसे में पूरे जिले में हजारों के केस है। लोगों ने ज्यादा ब्याज के चक्कर में अपनी राशि आदर्श कॉपरेटिव फाइनेंस में निवेश की लेकिन अचानक से फाइनेंस कंपनी बंद होने से ब्याज की राशि तो दूर लोग मूल राशि के लिए कोर्ट व थानों के चक्कर काट रहे है।
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पीडि़तों की जुबानी...
केस-१
आलनपुर निवासी कन्हैया लाल सैनी ने बताया कि करीब सात साल पहले अपने सेवानिवृत्ति के बाद मिली राशि को ज्यादा ब्याज के लालच में आदर्श कॉपरेटिव सोयायटी के एक स्थानीय एजेंट के बहकावे में आकर लगभग पांच लाख रुपए अपने एव अपनी पत्नी और बच्चों के नाम से निवेश किया था लेकिन इन्द्रा कॉलोनी में संचालित कपंनी का कार्यालय अचानक से बंद कर दिया। मालूम करने पर पता चला कि कंपनी ने अपने सारे ऑफिस बंद कर दिया और इनके निदेशक फरार हो गए। इसके बाद वे कई बार थाने में गए, उपभोक्ता कोर्ट में भी गए लेकिन पीडि़त को राहत नहीं मिली।
केस-२
मलारना डूंगर निवासी मधुबाला शर्मा ने बताया कि वर्षों की जमा पूंजी को १० मई २०२२ को १ लाख ५० हजार रुपए व २५ मई २०२२ को ५० हजार रुपए कुल दो लाख रुपए आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी में निवेश किए थे। रुपयों की अदायगी के लिए कंपनी के एजेंट रवि अग्रवाल ने परिवादिया को एक चेक दिया था। इस दौरान इकरारनामा के अनुसार उधार ली गई राशि मय ब्याज १२ माह में वापस लौटाने थी लेकिन कंपनी से अब तक ना तो मूल राशि मिली और ना ही ब्याज मिला है। इस संबंध में पीडि़ता के वकील ने एजेंट के मलारना डूंगर व सवाईमाधोपुर ठिकानों पर नोटिस भी भेजा था लेकिन वह मकान छोडक़र फरार हो गया। ऐसे में पीडि़ता कभी थाने तो कभी कोर्ट के चक्कर काट रही है।
केस-३
रेलवे कॉलोनी निवासी दुर्गा प्रसाद शर्मा ने सेवानिवृत्ति के बाद में करीब सात साल पहले मिलने वाली राशि करीब 4 लाख रुपए आदर्श कॉपरेटिव सोयायटी में निवेश किया। करीब चार साल बाद उन्होंने इंदिरा कॉलोनी स्थित शाखा सम्पर्क किया तो वहां कार्यालय पर ताला लगा मिला। इसके बाद उन्होंने हैड ऑफिस सिरोही और उदयपुर के भी चक्कर लगाए लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
केस-४
मलारना डूंगर निवासी श्याम सुन्दर शर्मा ने एक मई २०२२ को १ लाख ५० हजार रुपए व २५ मई २०२२ को १ लाख रुपए कुल ढाई लाख रुपए आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी में निवेश किए थे। रुपयों की अदायगी के लिए कंपनी के एजेंट ने २५ मार्च २०२४ को ढाई लाख रुपए का चेक दिया था। एजेंट को १२ माह में राशि मय ब्याज के पीडि़त को लौटानी थी लेकिन एजेंट ने नहीं लौटार्ई। इसके बाद पीडि़त ने चेक को बैंक ऑफ बड़ौदा में लगाया तो बैंक का खाता बंद होने से वापस लौटा दिया। घटना के बाद पीडि़त के वकील ने एजेंट के मलारना डूंगर व सवाईमाधोपुर के आवास पर नोटिस भी भेजे लेकिन वह फरार हो गया। ऐसे में पीडि़त कभी थाने तो कभी कोर्ट के चक्कर लगा रहा है।
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एक्सपर्ट व्यू...
आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी की ओर से निवेशकों से अरबों रुपए के घोटाले के बाद उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जज उम्मेद पटेल को पूरे घोटाले और संपत्तियों की जांच के लिए लिक्वडर नियुक्त किया है, जिनको पीडि़त निवेशक अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते है। वहीं आदर्श घोटाले के जरिये कम्पनी के मुकेश मोदी आदि डायरेक्टरों को पकड़ा जा चुका एवं उनकी सम्पत्ति और निवेशकों की राशी भी जब्त की जा चुकी है। आशा है उपभोक्ता निवेशकों की राशी मिल जाएगी। इन मामलों में उपभोक्ता जागरूक रहे और ज्यादा ब्याज के लालच या गुमराह होकर अपनी राशी निवेश नहीं करना चाहिए।
हरि प्रसाद योगी, एडवोकेट, उपभोक्ता विशेषज्ञ सवाईमाधोपुर