(गीता-48) अंधी कामना अधिक बुरी है, या अंधा त्याग? || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)

2024-12-27 2

वीडियो जानकारी: 2.10.24, गीता समागम, ग्रेटर नॉएडा

(गीता-48) अंधी कामना अधिक बुरी है, या अंधा त्याग? || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)

विवरण:
इस वीडियो में, आचार्य जी sacrifice और separation की अवधारणाओं पर चर्चा करते हैं, विशेषकर Bhagavad Gita के संदर्भ में। वह बताते हैं कि sacrifice का अर्थ अक्सर भौतिक pleasures को छोड़ने से जुड़ा होता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं होता कि वास्तव में क्या give up करना चाहिए।

आचार्य जी का तर्क है कि लोग अपनी ignorance में इच्छाओं को छोड़ने का निर्णय लेते हैं, बिना उनके विकल्पों का सही meaning समझे। एक उदाहरण के माध्यम से, वह दिखाते हैं कि लोग suffering का सामना करते समय जल्दी से attachments को छोड़ने की कोशिश करते हैं।

आचार्य जी सच्ची understanding और आत्म-जागरूकता को sacrifice के लिए आवश्यक मानते हैं, और सही motivation को समझने का महत्व बताते हैं।

🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
https://open.spotify.com/show/3f0KFweIdHB0vfcoizFcET?si=c8f9a6ba31964a06

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