भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों की मांगें जायज हैं क्योंकि उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नहीं मिल रहा। सरकार खुद भी स्वीकारती है कि MSP नहीं दिया जा रहा, जिससे किसानों को अब तक 4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। किसानों के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है, और उन्हें आंदोलन करने से भी रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनका संगठन आंदोलन में शामिल नहीं है क्योंकि इसे गैर-राजनीतिक बताया गया। हालांकि, वे नैतिक समर्थन देते हैं। झड़पों और संभावित नुकसान को देखते हुए, सरकार को बातचीत के लिए आगे आना चाहिए। पिछले आंदोलन में शामिल सभी संगठनों के प्रतिनिधियों को बुलाकर मामले को सुलझाया जा सकता है। बातचीत से ही समाधान निकलेगा।
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