अहोई अष्टमी पर संतान की लंबी आयु के लिए व्रत रखा जाता है। कार्तिक मास में आने वाली अष्टमी पर संतान की रक्षा और उनकी मंगल कामना के निमित्त माताएं निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन अहोई देवी की पूजा की जाती है। व्रत पूजा के साथ एक खास चीज इस पूजा में बहुत मायने रखती है वह है स्याहु। स्याहु माला का इस व्रत में बहुत महत्व होता है। स्याहु की माला में चांदी के दाने और अहोई मईया का लॉकेट होता है। ये चांदी के दाने संतान की संख्या के अनुसार एक, दो या उससे अधिक बनाई जाती है। अहोई माता की विधि अनुसार पूजा करने के बाद स्याहु माला धारण की जाती है। वीडियो में देखें अहोई अष्टमी में व्रती स्याहु माला कब पहनें और कब उतारें, विधि क्या है ?
On Ahoi Ashtami, a fast is observed for the long life of children. On Ashtami which falls in the month of Kartik, mothers observe a Nirjala fast for the protection of their children and for their well-being. Ahoi Devi is worshipped on this day. Along with the fast puja, one special thing that holds a lot of significance in this puja is Syahu. Syahu garland holds a great significance in this fast. Syahu garland contains silver beads and a locket of Ahoi Maiya. These silver beads are made one, two or more according to the number of children. Syahu garland is worn after worshipping Ahoi Mata as per the rituals.Ahoi Ashtami Swahu Mala 2024: Ahoi Ashtami me Vrati Swahu Mala Kab Pehne aur Kab Utare, Vidhi Kya Hai ?
#ahoiashtamiswahumala2024 #ahoiashtamiswahumalakabpehne #ahoiashtamiswahumalakabdharankare #ahoiashtamiswahumalakabutare #ahoiashtamiswahumalapehnanekividhi #ahoiashtamiswahumalakabpehnanachahiye #ahoiashtamiswahumalavideo
~HT.97~PR.111~ED.120~