अजमेर. न्यू सराधना डीएफसीसी स्टेशन पर करीब दो सप्ताह पहले संदिग्ध हालात में जख्मी हालात में मिले चौकीदार की जयपुर एसएमएस अस्पताल में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। बुधवार सुबह जीआरपी अजमेर थाना पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया। पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर अजमेर पहुंचे परिजन ने न्यू सराधना डीएफसीसी स्टेशन पर शव रखकर स्टेशन की सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाली कम्पनी प्रबंधन व डीएफसीसी के खिलाफ प्रदर्शन किया। पुलिस, प्रशासन की समझाइश व कम्पनी की ओर से लिखित में आश्वासन देने के बाद परिजन शव उठाने को राजी हुए।
जानकारी अनुसार चैनपुरा हाल परबतपुरा निवासी छोटू सिंह रावत पुत्र हंजासिंह डीएफसीसी के न्यू सराधना स्टेशन पर इगल हंटर सोल्यूशन प्रा. लि. के जरिए चौकीदारी करता था। गत 4 अक्टूबर को वह रेलवे स्टेशन परिसर में लहूलुहान हालात में पड़ा मिला। उसको स्टेशन पर तैनात डीएफसीसी के कर्मचारियों ने जे.एल.एन अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां से उसे 5 अक्टूबर को जयपुर एसएमएस अस्पताल रैफर कर दिया। जयपुर में 15 अक्टूबर सुबह 11 बजे छोटू सिंह ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। बुधवार को अजमेर जीआरपी थाने की टीम जयपुर पहुंची। जीआरपी ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजन के सुपुर्द कर दिया।
मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन
जयपुर से अजमेर लौटे परिजन सैकड़ों ग्रामीणों के साथ छोटू सिंह का शव लेकर दौराई स्थित न्यू सराधना डीएफसीसी स्टेशन पर पहुंचे। परिजन के शव लेकर पहुंचने की सूचना पर मांगलियावास थाना प्रभारी सुरेन्द्र सिंह राव, जीआरपी थाने से उपनिरीक्षक योगेन्द्र कुमार, आरपीएफ थाने से जाप्ता पहुंचा। पुलिस अधिकारियों ने परिजन से समझाइश की लेकिन परिजन मृताश्रितों को उचित मुआवजा दिलवाने की मांग पर अड़ गए। कंपनी ने मृत आश्रितों को अंतिम संस्कार के 20 हजार की अग्रिम राशि व ईएसआई स्कीम में उचित मुआवजे का लिखित आश्वासन दिया। लिखित आश्वासन के बाद परिजन शव उठाने को राजी हुए।
कम्पनी ने नहीं ली सुध
मृतक की पुत्री कविता ने आरोप लगाया कि कम्पनी प्रबंधन ने हादसे के बाद उसके पिता की सुध तक नहीं ली। ना ही उसके पिता के इलाज में ईएसआई का कोई लाभ नहीं मिला। उसने पिता की मृत्यु के कारणों पर संदेह जताते हुए जांच करने व उचित मुआवजा व मां भगवती देवी को पेंशन दिलाने की मांग की। पूर्व जिला प्रमुख ताराचन्द रावत, केसरपुरा सरपंच शक्ति सिंह रावत समेत सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।