2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर के एक साधारण परिवार में जन्म हुआ था मोहन दास करम चंद गांधी का, जो आगे चलकर बने भारत भाग्य विधाता। जिन्होंने बिना तलवार, बिना बंदूक, बस अहिंसा के हथियार के बल पर भारत को गुलामी की बेड़ियों से आजाद करा दिया। जिन्होंने दुनिया को दिखा दिया कि अहिंसा में कितनी शक्ति है। पूरी दुनिया में उनका ऐसा यश है कि आज भी लोग उनका नाम ऐसे ही नहीं लेते। कोई उन्हें 'बापू', कोई 'महात्मा' तो कोई 'राष्ट्रपिता' जैसी उपमाओं से संबोधित करता है। आइए जानते हैं गांधी जी को क्यों और किसने दी 'बापू', 'राष्ट्रपिता' और 'महात्मा' की उपमाएं।
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