भूमिपुत्रों के माथे पर खिंची चिंता की लकीरें, कहीं गलने लगी तो कहीं फसल में फलियां नहीं

2024-09-13 14

प्रतापगढ़. पहले तो समय पर बारिश नहीं हुई, वहीं अब लगातार बारिश हो रही है। जिससे सोयाबीन की फसल में खराबा होने लगा है। खराबे का असर अब फसलों पर दिखाई देने लगा है। सबसे अधिक प्रभावित सोयाबीन की फसल हुई है। कहीं पर सोयाबीन की फसल पीला मोजिक रोग की चपेट में आ गई है। कई खेतों में फसलों में अफलन की शिकायत देखी जा रही है। जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। गौरतलब है कि जून के अंतिम सप्ताह में समय पर मानसून की दस्तक के साथ ही किसानों ने समय पर बोवनी तो कर दी। लेकिन उसके बाद बारिश थम गई। जिससे सोयाबीन की फसल में कीड़े लग गए जो कि फूल और तना को खाने लगे। जबकि कई जगह पर फसलें पीला मोजिक की चपेट में आ गई। जबकि गत दिनों ही एक बार हुई बारिश में फूल गिर गए। जिससे फसलों में फलियां ही नहीं लगीं। अब स्थिति यह है कि लंबी खेंच के बाद हुई बारिश से पौधों की लंबाई तो बढ़ गई। लेकिन फलियां नजर नहीं आ रहीं। जबकि पीला मोजिक के कारण खेत पीले दिखाई दे रहे हैं।
सफेद लट की भी शिकायत
वहीं कई खेतों में सोयाबीन के पौधे के अंदर जमीन में सफेद लट लग गई है। यह कीड़ा सोयाबीन की जड़ को खत्म कर देता है। जिससे फसल को पूरी तरह नष्ट कर रहा है। जिससे सोयाबीन की फसल पीली पडकऱ सूख रही है। वाइट ग्रीप नामक कीड़ा जमीन के अन्दर पाया जाता है, जो अंदर ही अंदर फसल को नष्ट कर देता है। यह कीड़ा पूरा खेत नष्ट कर देता है। किसानों ने मांग की है कि समय पर खराब हुई फसलों का आंकलन कर सर्वे करवाया जाए। जिससे किसानों को समय पर उचित मुआवजा मिल सके।
सोयाबीन की फसल गलकर हुई खराब
खेरोट ञ्च पत्रिका. क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते किसानों को अब नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने बताया कि उनकी फसलें गलकर खराब हो रही है। सोयाबीन, उड़द, मक्का, मूंग, मूंगफली, मिर्ची ,टमाटर आदि फसले अतिवृष्टि से गलकर नष्ट हो गयी है। जहां एक ओर फसलों के भाव किसानों को नही मिल पा रहे है वंहीं खेतों में पानी भरा हुआ है जो फसलों को गला कर नष्ट कर रहा है। मौसम विभाग के अनुसार आगे भी बारिश की संभावना बनी हुई है। जिससे फसले पूरी तरह से खराब होने की आशंका जताई जा रही है। किसानों ने मांग की है कि फसलों की गिरदावरी कराकर उचित मुआवजा दिया जाए।

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