क्षेत्र में चल रही बारिश से कई किसानों की फसल बर्बाद हो गई। किसानों से सरकार से मुआवजा दिलाने की मांग की है। गुरुवार को दोपहर तक कभी तेज तो कभी मध्यम बारिश होने का सिलसिला जारी रहा। यहां बुधवार रात 2:30 बजे के करीब मौसम बदला और ते•ा गडगड़़ाहट के बाद ते•ा हवा के साथ बारिश का क्रम शुरू हो गया जो गुरुवार दोपहर 1:30 तक चला। बारिश के बाद सकट बीधोता वाली पलासन नदी में पानी का जल स्तर बढ़ जाने से एनिकटों पर तेज गति से चादर चल गई। बारिश के बाद सडक़ों पर कई जगह जलभराव होने के कारण दुपहिया वाहन चालकों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ा। बारिश के बाद क्षेत्र के किसान ङ्क्षचतित दिखाई दे रहे हैं। किसानों ने बताया कि बारिश से खरीफ की फसल मक्का, बाजरा, तिल, ज्वार के अलावा प्याज एवं अन्य सब्जी की फसलों में नुकसान की आशंका है।
देवरी गुवाड़ा के एनिकट की चली चादर : राजगढ़. टहला क्षेत्र के नांडू गांव के जहाज वाले हनुमान मंदिर के ऊपर देवरी गुवाड़ा रास्ते में बने एनिकट की चादर चल रही हैं। करीब बीस वर्षो बाद तेज बारिश से उक्त एनिकट की चादर चल रही है।
प्याज की बुवाई प्रभावित: मालाखेड़ा. माधोगढ़ क्षेत्र में गुरुवार को जमकर बारिश हुई, जिससे पहाड़ी क्षेत्र के झरने चलने लग गए। खेत भी लबालब हो गए। इंदौक गांव में मूसलाधार बारिश हुई। जिससे भर्तृहरि धाम की अमर गंगा में भारी तेज पानी आया। धाम पर मेले के बाद इंद्रदेव ने साफ सफाई कर दी। बाजरे की फसल में बारिश के कारण नुकसान का अंदेशा बना हुआ है। प्याज की बुवाई भी प्रभावित हो रही है। कई जगह प्याज लगाए जा रहे हैं, इसे लेकर भी किसान ङ्क्षचतित हैं।