महादेव जी ने क्यों काटा गणेश जी का सर

2024-09-12 7

भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र गणेश जी की उत्पत्ति एक अद्भुत कथा से जुड़ी है। एक दिन, माता पार्वती स्नान करने जा रही थीं और उन्होंने अपने शरीर की मैल से गणेश जी को बनाया, ताकि वे उनके द्वार की रक्षा करें। पार्वती जी ने गणेश जी को आदेश दिया कि जब तक वे स्नान कर रही हों, किसी को भी भीतर आने की अनुमति न दें।

उसी समय, भगवान शिव अपने साधना से लौटे और माता पार्वती से मिलने के लिए भीतर जाने लगे। लेकिन गणेश जी, माता के आदेश का पालन करते हुए, भगवान शिव को द्वार पर रोकने लगे। इस पर शिव जी क्रोधित हो गए, क्योंकि उन्हें यह नहीं पता था कि यह बालक उनका ही पुत्र है। क्रोध में आकर भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से गणेश जी का सिर काट दिया।

जब माता पार्वती को यह बात पता चली, तो वे अत्यंत दुखी और क्रोधित हो गईं। शिव जी ने उनकी पीड़ा को देखा और गणेश जी को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया। एक हाथी के बच्चे का सिर लाकर भगवान शिव ने गणेश जी के शरीर पर लगा दिया, और इस प्रकार गणेश जी का पुनर्जन्म हुआ। तभी से भगवान गणेश को "गजानन" या "गजमुख" के रूप में जाना जाता है, जो बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के प्रतीक हैं।

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