प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की महिलाएं अब पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। वाराणसी की वन्द्या चौरसिया सन् 2000 से मशरूम की खेती कर रही हैं और आज सालाना करोड़ों का व्यापार कर रही हैं। वन्द्या चौरसिया ने एमएससी और B.Ed की पढ़ाई की है और मशरूम की खेती के लिए पूसा इंस्टीट्यूट, दिल्ली और मशरूम रिसर्च सेंटर सोनल से ट्रेनिंग ली है। वे बताती हैं कि मशरूम की खेती की शुरुआत काफी चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन बीजेपी सरकार के आने के बाद कई बदलाव हुए। लाइट की समस्या हल हुई और हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट से सहयोग मिला, जिससे प्रोडक्शन बढ़ाने में मदद मिली। आज वे 25 लोगों को रोजगार दे रही हैं और 1 बीघा क्षेत्र में मशरूम की खेती कर रही हैं। वन्द्या चौरसिया के अनुसार, हर दिन ढाई से तीन कुंतल मशरूम बाजार में जाता है, जो 130 रुपए किलो के हिसाब से बिकता है। महीने में लगभग 10 लाख का मार्केट होता है, जिसमें प्रॉफिट करीब दो से ढाई लाख रुपए प्रति महीने का होता है। उनके काम को देखकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें 'यूपी की विशेष महिला' का पुरस्कार दिया, जिससे उनका हौसला और बढ़ गया और वे लगातार अपने काम को आगे बढ़ा रही हैं। वन्द्या चौरसिया का बेटा, सोहम चौरसिया, जो कोविड के दौरान मुंबई में पढ़ाई कर रहा था, अब अपनी मां के साथ हाथ बंटा रहा है और आज 80% काम वही करता है। सोहम का कहना है कि उनकी मां ने जो काम शुरू किया है, वह उसे और आगे ले जाएगा।
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