सवाईमाधोपुर.डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की मंत्री पद को लेकर चल रही नाराजगी एक बार फिर रविवार को शहर के मानटाउन क्षेत्र में चल रही रामकथा में जनता के सामने छलकी। डॉण् किरोड़ी ने रामकथा के मंच से कहा कि मंत्री बनने के बाद वे शिखंडी बन गएए जो करने की शक्ति थी वो भी गायब हो गई। उन्होंने यह भी कहा कि वे कोई राजनीतिक भाषण नहीं दे रहेए बल्कि जो मन में पीड़ा हैए उसे व्यक्त कर रहे हैं।
बता दें कि सरकार में प्रदेश सरकार में मंत्री पद के गठन के समय से डॉण् किरोड़ीलाल को जब पद मिला तो कई दिनों तक उन्होंने किसी से बातचीत नहीं की थी। तब भी मंत्री पद को लेकर उनकी नाराजगी सामने आई थी। अब उनके बयान ने नाराजगी को एक बार फिर जगजाहिर कर दिया है। हालांकि वह मंत्री पद से अपने इस्तीफे की बात पूर्वी राजस्थान में हारे हुए सीटों को बताते आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय उन्होंने पीएम मोदी से कहा था कि वे पूर्वी राजस्थान की सातों सीटें जिताएंगेए लेकिन जहां से वे एमएल हैंए वह भी सीट हार गए। इसके बाद उन्होंने घोषणा की थी कि वे मंत्री पद से इस्तीफा देंगे और इस्तीफा दिया भीए लेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार ही नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे सच्चे मन से जनता की सेवा करना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
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रामकथा में पहुंचे थे किरोड़ी
बजरिया में मानटाउन थाने के पास एक मैरिज गार्डन में कथावाचक मुरलीधर रामकथा सुना रहे हैं। डॉण् किरोड़ी रविवार को यहां आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि आज के समय में जैसे राजनेता बदल गए हैं। वैसे जनता भी बदल गई है। किरोड़ी ने कहा कि उनके बगल में गंगापुरसिटी हैए जहां जनता ने उस आदमी को फिर से एमएलए बना दिया हैए जिसने ये कहा था कि आदिवासी या मीणा हिंदू नहीं हैए वो फिर चुनाव जीत कर चला गया।
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खुद को भगवान राम से जोड़ा
डॉण् किरोड़ी ने कहा कि भगवान राम की सिंहासन पर बैठने की सभी तैयारियां हो गई थींए लेकिन पिता के आदेश पर उन्हें वनवास जाना पड़ा। जब भगवान राम को ही सिंहासन छोडऩा पड़ा तो किरोड़ीलाल तो छोटी सी चीज है। सिंहासन का कोई महत्व नहीं है। उन्होंने कहा कि वे लड़ते रहेंगे और जनता के काम करते रहेंगे।