सवाईमाधोपुर. देश के एकमात्र और सबसे प्राचीन त्रिनेत्र गणेश के दर पर श्रद्धालु अपनी हाजिरी लगाने को कई किलोमीटर की पैदल यात्रा कर रणथम्भौर दुर्ग में दर्शन को पहुंच रहे हैंं। लेकिन यहां पहुंचते ही रणथम्भौर की हरियाली और पहाडिय़ों से बह रही पानी की दूधिया धार पदयात्रियों की थकान को हर ले रही है। दर्शनार्थी भी मंदिर तक की इस पदयात्रा को यादगार बनाने के लिए अपनी सेल्फी ले रहे हैं।
बता दें कि अरावली पर्वतमालाओं से घिरे रणथम्भौर दुर्ग में विराजित भगवान त्रिनेत्र गणेश देश का तीन दिवसीय लक्खी मेला इस बार 6 सितम्बर से शुरू होगा। लेकिन पदयात्रियों का भगवान गणेश के दर हाजिरी लगाने का सिलसिला शुरू हो रहा है। इस दौरान यात्री हाथों में ध्वजा लिए पैदल ही कोसों की दूरी तय कर यहां पहुंच रहे हैं। वहीं पदयात्रियों के स्वागत में गणेश भक्त भी कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। लालसोट-कोटा मार्ग पर जगह.जगह पदयात्रियों के लिए रुकने के इंतजाम से लेकर भंडारे तक लगे हैं।