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वीडियो जानकारी: 23.05.24, वेदान्त संहिता, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
कठोपनिषद, श्लोक 1.1.24
एतत्तुल्यं यदि मन्यसे वरं वृणीष्व वित्तं चिरजीविकां च।
महाभूमौ नचिकेतस्त्वमेधि कामानां त्वा कामभाजं करोमि ॥ २४ ॥
अन्वय:
नचिकेतः= हे नचिकेता; वित्तम् चिरजीविकाम् = धन, सम्पत्ति और अनन्तकाल तक जीने के साधनों को; यदि त्वम् = यदि तुम; एतत्तुल्यम् = इस आत्मज्ञानविषयक वरदान के समान; वरम् मन्यसे वृणीष्व = वर मानते हो तो माँग लो; च महाभूमौ = और तुम इस पृथ्वीलोक में; एधि = बड़े भारी सम्राट् बन जाओ; त्वा कामानाम् = (मैं) तुम्हें सम्पूर्ण भोगों में से; कामभाजम् = अति उत्तम भोगों को भोगने वाला; करोमि = बना देता हूँ ॥२४॥
अर्थ:
हे नचिकेता! इस वर की तरह यदि कोई अन्य वर तुम्हारी दृष्टि में हो, तो उसे मुझसे माँग लो। धन-सम्पदा तथा अनन्तकाल के निमित्त उपयोगी सुख-साधनों (चिरस्थायी आजीविका) को माँग लो। हे नचिकेता! तुम इस विस्तृत पृथ्वीलोक पर वृद्धि प्राप्त करो। हम तुमको कामनाओं (भोगों) का इच्छानुकूल उपभोग करने वाला बना देते हैं।
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संगीत: मिलिंद दाते
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