शौर्य चक्र से सम्मानित रिटायर्ड कर्नल डॉ. दिवाकरन पद्म कुमार ने मेक इन इंडिया को लेकर कहा, मैं पिछले साल एलएसी में गया था चाइनीज बॉर्डर पर और मैं पहले भी गया हूं. पर मैं पिछले साल जब अक्टूबर के महीने में गया था तो मैंने देखा वहां एक अलग ही दुनिया है जो रोड बनें है, जो इक्विपमेंट है, जो फाइबर ग्लास हार्ड उपलब्ध है, जो पानी की सुविधाएं है वह एक अलग दुनिया है. यह वह आर्मी नहीं है जिसमें मैं भर्ती हुआ था, हमारा एक लॉजिक था की इन्फ्रास्ट्रक्चर हम बॉर्डर एरिया में नहीं बनाएंगे क्योंकि चाइनीज उसका इस्तेमाल करके हमारे देश में आयेंगे. 1962 में मेरे पिता युद्ध में लड़े थे और प्रधानमंत्री ने कहा था की मेरी संवेदना असम के लोगों के साथ है लेकिन यह कोई तरीका नहीं है हम जंग में खड़े हैं. आत्मनिर्भर भारत होना बहुत जरूरी था यह 50 साल पहले होना चाहिए था.