प्रतापगढ़. जैन आचार्य चंद्रसागर का शहर में चार्तुमास के लिए बुधवार को मंगल प्रवेश हुआ। इस दौरान शहर के नाकोड़ा नगर दिगंबर जैन मंदिर में प्रवेश जयकारों के साथ हुआ। इस दौरान शहर में निकाली गई शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत किया और श्रद्धालुओं ने आचार्य का अभिनंदन कर आशीर्वाद लिया। मुनि सेवा कमेटी के अध्यक्ष महेंद्र शाह ने बताया कि बुधवार को सुबह आचार्य ससंघ को अरनोद रोड नाकोड़ा नगर स्थित दिगंबर जैन पारसनाथ मंदिर में शोभायात्रा के साथ लाया गया। आचार्य शहर के जूना मंदिर से निकले। इस दौरान शोभायात्रा निकाली गई। माणक चौक में जैन समाज के महिला मंडल की महिलाओं ने सिर पर कलश रखकर आचार्य की पांच परिक्रमा लगाकर नाकोड़ा नगर के लिए निमंत्रण दिया। शोभायात्रा में सबसे आगे बैंड बाजे गुरुदेव के भजन गाते हुए चल रहे थे। उनके पीछे धार्मिक ध्वज लिए शांतिनाथ सन्मति पाठशाला के बच्चे चल रहे थे। उनके पीछे दो पंक्तियों में महिला मंडल की महिलाएं भक्ति नृत्य करते हुए चल रही थी। उनके पीछे जैन समाज के सैंकड़ों युवाओं के साथ आचार्य श्री चल रहे थे। प्रवेश जुलूस माणक चौक, धान मंडी, गांधी चौराहा, एमजी रोड, जीरोमाइल चौराहा होते हुए अरनोद रोड स्थित नाकोड़ा नगर जैन मंदिर पहुंचा। आचार्य का भक्तों द्वारा अपने-अपने घर एवं प्रतिष्ठान के आगे पाद प्रक्षालन किया गया। नाकोड़ा नगर जैन मंदिर पहुंचने पर आचार्य श्री के प्रवचन हुए। प्रवचन से पूर्व समाज के पदाधिकारीयों ने पूर्वाचार्य का चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्वलित किया। लाभार्थी परिवार शांतिलाल मथुरालाल जैन ने आचार्य का पाद प्रक्षालन कर जिनवाणी शास्त्र भेंट कर आशीर्वाद लिया। नाकोड़ा नगर दिगंबर जैन मंदिर के पदाधिकारियों ने लाभार्थी शांतिलाल जैन परिवार का स्वागत अभिनंदन किया। मंगलाचरण निशिता जैन ने प्रस्तुत किया। नन्ही बालिकाओं द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया। संचालन विनोदीलाल जैन ने किया।
चार्तुमास कलश की स्थापना 21 को
नाकोड़ा पारसनाथ जैन मंदिर के अध्यक्ष मुकेश जैन ने बताया कि आचार्य ससंघ चार्तुमास काल के दौरान अरनोद रोड स्थित नाकोड़ा नगर के पारसनाथ जैन मंदिर में विराजित रहेंगे। चातुर्मास कलश की स्थापना 21 जुलाई को दोपहर 1 बजे धर्म सभा एवं कलश स्थापना सहित कई कार्यक्रम के साथ होगी।