जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष, प्रोफेसर मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने कहा कि ये कोई नया मसला नहीं है, पहले ऐसे मसले आते रहे गए हैं। स्टेट गवर्नमेंट इस प्रकार के मसले उठाती रही है। हम हमेशा कहते रहे हैं कि किसी की आस्था के ख़िलाफ़ कोई चीज थोपना ये संविधान विरोधी है। संविधान अपने आस्था और विश्वास और मज़हब के प्रति कोई भी चीज अमल करने कि आज़ादी देता है। योग के नाम पर सूर्य नमस्कार थोपा गया है। सबको अपनी आज़ादी है लेकिन ये संविधान विरोधी है।
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