बच्चों से समझा के प्रेम से बात करनी चाहिए। उनको कुछ भी कहना हो तो एक बार से ज्यादा नहीं कहना चाहिए। अगर माता पिता अपने क्रोध, मान, माया, लोभ वगेरे कमजोरियों से मुक्त होंगे तो बच्चे भी उनकी बात सुनेंगे।