आरओ प्लांट जांच के लिए पहुंची टीम तो मचा हडक़म्प, लिए आधा दर्जन पानी के नमूने
-राजस्थान पत्रिका की खबर का असर
-सोमवार से शुरू हुआ आरओ वाटर प्लांट जांच का अभियान, चार आरओ प्लांट की हुई जांच
नागौर. आखिकार सोमवार को जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित एवं जिला मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी राकेश कुमावत के निर्देशानुसार शहर में विभिन्न जगहों पर स्थापित आरओ प्लांट की जांच की गई। जांच के दौरान लिए चिल्ड वाटर एवं प्यूरीफाइड ड्रिकिंग वाटर के लिए गए आधा दर्जन नमूनों को अजमेर प्रयोगशाला भेज दिया गया। विशेष बात यह रही इन प्लांटों में निर्धारित प्रावधानों का उल्लंघन भी पाया गया। इस पर इनको सफाई, क्लोरीकरण एवं फूड लाइसेंस/रजिस्ट्रेशन रखने के लिए पाबंद किया गया। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका की ओर से आरओ प्लांट में प्रावधानों की पालना नहीं करने के साथ ही नहरी पानी को ही ठंडा कर केंपर के माध्यम से आम जन तक आपूर्ति करने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया था। इसके बाद हरकत में आए विभाग की ओर से सोमवार से जांच अभियान शुरू कर दिया गया है। विभाग की ओर से पहले दिन मेसर्स कामधेनु चिल्ड वाटर, मेसर्स महादेव चिल्ड वाटर, श्री गंगा चिल्ड वाटर व विष्णु वाटर सप्लाई आदि जांच के लिए टीम पहुंची। टीम की ओर से रो वाटर संग्रह स्थल, टंकी, फर्श, केंपर के रखे जाने की जगह एवं सप्लाई लाइन की सफाई की स्थिति जांची। इसमें भी प्रावधानों की पालना नहीं पाई गई। इस पर आरओ वाटर संचालकों को चेताया गया कि वह फिर जांच करने आएंगे, जल्द ही। इस दौरान प्रावधानों की अछरश: पालना की स्थिति होनी चाहिए। बताते हैं कि शहर क्षेत्र में आरओ वाटर प्लांट की जांच लंबे समय के बाद की गई। विभाग की ओर से हुई जांच की खबर मिलने के बाद अन्य आरओ प्लांट संचालक असहज नजर आए। कार्यवाही के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी संदीप अग्रवाल, ग्रणपतराम जाट, बाबूलाल एवं सहायक कर्मचारी संतोष जोशी आदि मौजूद थे।