भगवान वराह प्रगट हुए , समुद्र में जाकर धरती ले आए बाहर, श्रद्धालुओं ने किया नमन

2024-05-23 60

-शहर के बंशीवाला मंदिर में मनाया गया वराह अवतार उत्सव
-वराह अवतार की लीला देखने के लिए बंशीवाला में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
नागौर. वराह अवतार शुक्रवार को हर्षोल्लाषपूर्वक मनाया गया। इस मौके पर नगसेठ बंशीवाला मंदिर में वराह लीला हुई। लीला में वराह अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने वराह स्वरूप धारण करने के साथ सागर में जाकर पृथ्वी को अपने दाढ़ पर लेकर बाहर आए। इस दौरान हिरण्याक्ष का वध भी किया गया। इन पौराणिक प्रसंगों को वराह लीला में प्रतीकात्मक तौर पर दर्शाया गया तो श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ ने करतल ध्वनि के साथ जयकारे लगाए। मंदिर परिसर में चारों ओर भगवान वराह के जयघोष गूंजते रहे। स्थिति यह रही कि मंदिर परिसर के एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक केवल श्रद्धालुओं की भीड़ ही नजर आ रही थी। कार्यक्रम के दौरान पूरे परिसर में तिल तक रखने की जगह नहीं बची थी।

बंशीवाला मंदिर में देर शाम भगवान वराह की लीला शुरू हुई। निज मंदिर से निकले भगवान वराह चौक परिसर में पहुंचे। यहां पर पृथ्वी के रूप में बैठी नन्ही बालिका को गोद में उठाया। इस दृश्य को देख रहे श्रद्धालुओं ने भगवान का श्रद्धाभाव से अर्चन शुरू कर दिया। इधर वराह रूप में भगवान को हिरण्याक्ष की ओर से युद्ध की चुनौती देने पर भगवान उसके सामने पहुंचे, पहले मल्ल युद्ध हुआ, फिर उसने भगवान पर गदा का प्रहार किया, लेकिन भगवान की गदा उसके छाती पर पड़ते ही काल के गाल में समा गया। भगवान की इन लीलाओं का वराह अवतार की भूमिका निभा रहे दीक्षांत पाराशर ने भाव-भंगिमा के माध्यम से बखूबी दर्शाया। इसके बाद भगवान वराह गदा के साथ परिसर में बनी बारियों में हर्षनाद करते रहे। करीब एक घंटे तक भगवान वराह की लीला चलती रही। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान की लीलाओं को अपने मोबाइलों में भी कैद करते नजर आए। लीला के दौरान वराह भगवान के समक्ष श्रद्धालुओं की भीड़ नतमस्तक रहा। इसके पूर्व निज मंदिर में भगवान वराह का विधिपूर्वक अर्चन किया। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुए अर्चन में केवल गिने-चुने लोगों को ही शामिल किया गया।

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