नावांशहर. निकटवर्ती ग्राम भूणी के लोग मन में बसी देव प्रतिमा को जब हाथों में छैनी लेकर पत्थर पर तराशना शुरू करते हैं तो पत्थर में भगवान के दर्शन कराने का हुनर सामने आता है। इस कला के लिए भूणी के मूर्तिकारों को देश-प्रदेश में याद किया जाता है। गांव के मूर्तिकारों के हाथों के हुनर के कायल राजस्थान सहित अन्य राज्यों के कला के चहेते भी है।