पिनान. कस्बे के अलवर-करौली नेशनल हाइवे सडक़ स्थित श्यामदयाल आश्रम पर मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ से पहले महिलाओं ने मंगल कलश यात्रा निकाली। आश्रम के महंत जानकी दास ने बताया कि महन्त गोपालदास मौनी व संत हरिदास की प्रेरणा से श्यामदयाल बाबा की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा प्रयोजनार्थ श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया। महिलाओं की ओर से भागवत महापुराण संग मंगल कलश यात्रा व नगर परिक्रमा निकाली गई।
अनुष्ठान के शुरुआती कार्यक्रम में पंडित जुगल किशोर शास्त्री ने कलशों का विधिवत पूजन किया। तत्पश्चात महिलाओं ने कस्बे के मुख्य बाजार स्थित शिव हनुमान मंदिर से मंत्रोच्चारित कलश सिर पर धारण कर नगर परिक्रमा का शुभारम्भ किया। यात्रा के दौरान कलश भजन, आओ सीता-लक्ष्मी, नारी कलश सिर पर धारण करो। कलश के मुख में विष्णुजी सोहे, कण्ठ में लगकर शंकर मोहे। ये जी ब्रह्मा सोहे मूलाधार- कलश... भजन की स्वरलहरिया गुंजायमान रही। मंगल गीत गाते हुए महिलाएं आगे बढ़ती रही, वहीं श्रद्धालु भजनों पर थिरकते व जयकारे लगाते हुए चलते रहे। यात्रा के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर विद्वानों ने सभी कलशों को यथा स्थान देकर कलश देवता का आह्वान किया। उसके बाद आचार्य जुगल किशोर शास्त्री की ओर से प्रथम दिन की कथा में सभी देवों का आह्वान कर पूजन किया। भागवत महात्म्य की कथा का वाचन किया। उन्होंने ने भागवत कथा महात्म्य में बताया कि भागवत महापुराण सनातन संस्कृति का सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है, जो पुण्य और लाभ प्रदान करने के साथ मनुष्य को निष्काम भक्ति के भाव से जोडकऱ सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। प्रथम दिन की भक्ति कथा में महिला व पुरूषों ने भागवत महात्म्य को खूब सुना। इस अवसर पर मुख्य यजमान विश्राम चौधरी, शिवराम जाट, भाग्यशाली यादव, रामसिंह यादव आदि मौजूद रहे।