लोकसभा चुनाव के करीब आते ही राज्य के सभी दलों की नजर प्रवासी श्रमिकों पर है। मोटे अनुमान के मुताबिक बंगाल में 50 लाख प्रवासी कामगार हो सकते हैं। इस हिसाब से कम से कम दो करोड़ (परिवार सहित) मतदाता हो सकते हैं। प्रवासी कामगारों के वोट बैंक को कोई भी राजनीतिक दल नजरअंदाज नही