वीडियो जानकारी: शब्दयोग सत्संग, 05.05.2017, अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा, भारत
प्रसंग:
सतगुरु मिला जो जानिये, ज्ञान उजाला होय।
भरम का भांडा तोड़कर, रहे निराला होय॥
~ संत कबीर
गुरु मिला तब जानिये, मिटै मोह तन ताप।
हरष शोक व्यापे नहीं, तब गुरु आपे आप॥
~ संत कबीर
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~ सतगुरु कैसे मिलेंगे?
~ सतगुरु कौन हैं ये कैसे पहचानें?
~ वो कौनसा ज्ञान है जिसको सतगुरु से मिलकर ही प्राप्त किया जा सकता है?
~ सच्चा गुरु कौन है?
~ मोह, हर्ष, शोक इत्यादि विकारों को गुरु कैसे दूर कर देते हैं?
संगीत: मिलिंद दाते
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