कहते हैं कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती। कृष्ण कुमार ने भी हार नहीं मानी। उन्होंने सिरोड़ खुर्द गांव निवासी पिता सतवीर के खेती करने के परंपरागत तरीकेे को बदला और मशरूम की खेती शुरू की। आज वह विदेशों में मशरूम भेज रहे हैं। मशरूम से दवाइयां बन रही हैं।