पुरुष हो तुम, बस इतना याद रखो (छः वर्षीय बालक का प्रश्न) _ आचार्य प्रशांत, भगवद्गीता पर (2022) (1080p_25fps_H264-128kbit_AAC)

2024-01-03 0

वीडियो जानकारी: शास्त्र कौमुदी, 26.06.2022, ग्रेटर नॉएडा

प्रसंग:
क्लैब्यं मा स्म गमः पार्थ नैतत्त्वय्युपपद्यते।
क्षुद्रं हृदयदौर्बल्यं त्यक्त्वोत्तिष्ठ परन्तप।।
हे अर्जुन, तुम कायरता को प्राप्त न होओ, यह तुम्हारे योग्य नहीं है।
हे शत्रुतापन अर्जुन, हृदय की तुच्छ दुर्बलता को छोड़ उठ खड़े होओ।
श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय २, श्लोक ३)

~ प्रकृति और पुरुष के बीच संबंध क्या है?
~ हम प्रकृति को कैसे समझें?
~ क्या पुरुष में स्थित हो कर ही प्रकृति को समझा जा सकता है?

संगीत: मिलिंद दाते
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