जुलाई से अब तक प्रशासन की उदासीनता के कारण बजट के अभाव में उक्त विद्यालय भामाशाहों के भरोसे पर संचालित है। यहां विद्यालय के अध्यापकों की ओर से पोषाहार तो पकाया जा रहा है।