राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) के तहत पंजीकृत जिले में करीब साढ़े 7 हजार पेंशनर्स व 15 हजार कर्मचारियों के सामने दवा का संकट बन गया है।