राजधानी के जंगल में इस साल के अंत तक बाघों की दहाड़ गूंजेगी। खासबात है कि सैलानियों को बाघों का दीदार करने के लिए जयपुर से रणथम्भौर-सरिस्का नहीं जाना पड़ेगा।