जिस ढंग से गुजरात को जलाकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने का प्रयास हुआ, मणिपुर में भी वही प्रयास हो रहा है। लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही उसी ढंग से काम शुरू हो गया है। चार महीने से ज्यादा का समय बीत गया मणिपुर पर पीएम विशेष ध्यान नहीं दे रहे।