चुनावी साल में अवैध कॉलोनियां सृजित होने लगी हैं। इतना ही नहीं, ऐसी इमारतों के काम भी शुरू हो गए हैं, जो चार वर्ष से सील थीं और जिन पर तीन बार कार्रवाई भी हो चुकी है। पत्रिका की टीम ने राजधानी के बाहरी इलाकों में जाकर स्थिति को देखा तो चौंकाने वाली मिली।