जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले, गलेवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्... शिव तांडव स्त्रोत के साथ शिव पंचाक्षर और रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों की ध्वनि से वातावरण पावन हो गया। पाली में श्रावण के तीसरे सोमवार को तड़के से ही शिव भक्त बिल्व पत्र, आक के फूल, धतूरा, समी के