सब लोग जानते हैं, बच्चे मुझे कहते हैं गोविंद सिंह डोटासरा के रिश्तेदार होते तो आरएएस बन जाते। आरपीएससी के सदस्य पेपर बेच रहे हैं। आरपीएससी के सदस्य व अध्यक्ष मुख्यमंत्री के साइन से बनते हैं। एक ही गांव में सौ जने थानेदान बन जाते हैं, यह भ्रष्टाचार नहीं है तो क्या है?