स्थिति ये है कि मरीजों को ब्लड जांच से लेकर एक्सरे, सोनोग्राफी, सीटी स्कैन समेत अन्य जांचों के लिए निजी संस्थानों में जाना पड़ रहा है। ऐसे में सबसे ज्याद परेशान गरीब तबके के लोग हो रहे हैं।