शहर में ड्रेनेज सिस्टम विकसित करने के नाम पर सालाना करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसके बाद भी सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं। जिम्मेदार विभाग ड्रेनेज सिस्टम भी व्यक्ति और पद को देखकर विकसित करते हैं। तभी तो जहां वीआईपी रहते हैं, वहां सब कुछ सही है और जनता के