राज्य सरकार बीस सालों के बाद भी पारंपरिक जलस्रोतों को बचाने में न केवल विफल रही है, बल्कि समिति की ओर से इनको बचाने के लिए दी गई रिपोर्ट को आज भी लागू करने में आनाकानी कर रही है। वर्ष 2003 में एक जनहित याचिका के माध्यम से पारंपरिक जलस्रोतों के बचाए जाने के प्रकरण में सुनवाई