राजधानी में ऐसे स्कूल भी चल रहे हैं, जिनके पास न पर्याप्त भवन हैं न ही शिक्षक है और ना ही कक्षाएं संचालित हो रही हैं। इन स्कूलों के रिकॉर्ड में बच्चे सैक़ड़ों मिल जाएंगे।