मप्र में पिछले चार सालों से पीएससी एग्जाम किसी न किसी कारण से कोर्ट की दहलीज में उलझी हुई है.. एग्जाम के साथ साथ पीएससी के परीक्षा नियम है उनमें हुए संशोधन भी कोर्ट कचहरी में उलझे हुए हैं.. पीएससी ने 2015 में राज्य सेवा परीक्षा के नियमों को संशोधित किया था और ये जो संशोधन हुए उसे 20 दिसंबर 2021 को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.. जो याचिका दायर हुई है उसमें कहा गया है कि पीएससी ने जो संशोधन किए उसके तहत परीक्षा के हर चरण में आरक्षित वर्ग के मैरिटोरियस छात्रों का सामान्य वर्ग की सीटों पर माइग्रेशन किया जा रहा है जो कि अवैधानिक है। क्योंकि इससे सामान्य वर्ग के छात्रों का हित मारा जा रहा है।