देवों की नगरी कही जाने वाली छोटी काशी की पहचान अब ऋषियों की धरती के रूप में बन रही है। महर्षि गालव की तपोस्थली रहे जयपुर में हरिद्वार, प्रयागराज व अयोध्या सहित अन्य बड़े मठों-पीठ के संत-महंतों के सान्निध्य में यज्ञ, हवन सहित अन्य अनुष्ठान कराए जा रहे हैं।