रायबरेली में मोटे अनाज के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से ईट राइट मेले का आयोजन किया गया है। गांव की थीम पर तैयार विशाल पंडाल में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान मोटे अनाज से आधुनिक डिशेज की भी प्रदर्शनी लगाई गई। आयोजकों के मानना है कि आज के बच्चे केक, मोमोज़,डोसा ढोकला और इडली जैसी चीज़ें पसंद करते हैं। इसी को ध्यान में रखकर यहां आधुनिक डिशेज को मोटे अनाज से तैयार कर उन्हें बनाने की विधि भी समझाई गई। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोंच है कि स्वस्थ भारत के लिए मोटे अनाज की ओर लौटना पड़ेगा। इसी सोंच को आगे बढ़ाने के लिए 2023 को मिलेट इयर के तौर पर मनाया जा रहा है। दरअसल भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिकरण की पहल पर पूरे देश में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ईट राइट मेले का आयोजन कर रहा है। स्वस्थ आहार जीवन का आधार की थीम पर आयोजित इस कार्यक्रम में मोटे अनाज के तौर पर इस्तेमाल किये जाने वाले रागी,कोदों,सावां,मक्का,ज्वार बाजरा जैसे अनाज आठ मोटे अनाज स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अपराजिता तिवारी बताती हैं कि इन अनाज को अगर प्रयोग करने की सही विधि के साथ इस्तेमाल किया जाये तो ग्लूटन फ्री भोजन शरीर में पहुंचेगा। उनका कहना है कि गेहूं और चावल जैसे खाद्य पदार्थ में फाइबर न होकर ग्लूटन होता है जो शरीर में चिकनाई बढ़ाता है जिससे हार्ट अटैक व कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की आशंका बनी रहती है।