शहर में शुक्रवार को पारंपरिक ईसर-गणगौर का पूजन का दौर शुरू हो गया। बैंड-बाजों और ढोल-ढमाकों के बीच महिलाएं और युवतियां कुओं, हैंडपम्प और जलाशयों से जैले लेने पहुंच रही हैं।