जयपुर नगर निगम हैरिटेज क्षेत्र के वार्डों से नहीं उठ रहा है कचरा समय पर, खास कर गलियों में तो सफाई कर्मचारी कचरा उठाने त्योंहारों पर पैसे लेने के समय ही आते हैं।
निगम क्षेत्र की सड़कों पर फैल रहा है कचरा, अधिकारी और कर्मचारी हैं बेपरवाह।
महापौर, आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त, उपायुक्तों, एसआई, सीएसआई, जमादारों की फौज है नाकारा।
सरकार और राज्य प्रशासन भी तमाशा देखने में लगे हैं, गंदगी का!
सफाई कर्मचारियों को लगा रखा है कार्यालयों में, जहां पर अधिकारियों की नाक के नीचे ही हाजरी लगा कर हो जाते हैं गायब।
कर्मचारी ना तो कार्यालयों में काम करते हैं, ना ही फिल्ड में।
अधिकारी भी रहते कार्यालयों से नदारत, बिजली का बिल बढ़ता रहता है, जिसकी वसूली भी आम जनता के माथे, घाटे की भरपाई जुम्मेदारों के वेतन से क्यों नहीं होती।
आम जनता को अपने काम इन कर्मचारियों से करवाने हैं तो अलग से प्रसादी देनी ही पड़ेगी।
विधायक, पार्षद, अधिकारियों को होता है इनको पूरा सहयोग, शिकायत के बाद या तबादला होने के बाद भी नहीं जाने देते कार्यालयों से बाहर इन कर्मचारियों को, आखीर क्यों।
राजपूताना न्यूज के लिये जयन्त कुमार जैन की रिर्पोट