अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा एवं श्री विश्वकर्मा विकास समिति की ओर से आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में 42 जोड़े परिणय-सूत्र में बंधे।