कोलकाता। किसी भी समाज की पहचान उसकी भाषा है। पहचान तभी जिंदा है जब भाषा जिंदा है। राजस्थानी प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष रतन शाह ने मंगलवार को यह बात कही।