कहते हैं कि हौंसले बुलंद हो तो मंजिल दूर नहीं होती। इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है नंगली मेघा के नौजवान प्रेम नारायण ने। स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद भी जब सरकारी नौकरी नहीं लगी तो उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने किसान पिता की खेती को संभाला कि बीस बीघा जमीन