पशुपालन विभाग की ओर से देशी गोवंश के उन्नयन एवं पालकों को इसके लिए प्रोत्साहित न करने के चलते अब स्थिति विकट होने लगी है। दुग्ध उत्पादन की होड़ में ज्यादातर पशु पालकों के पास अब देशी नहीं, बल्कि संकर नस्ल के गायों का चलन पिछले दस सालों के अंतराल में तेजी से बढ़ा है।