हिंदू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा का दिन प्रत्येक माह का आखिरी दिन होता है. अभी मार्गशीर्ष महीना चल रहा है, ये भगवान श्रीहरि के अवतार कृष्ण को समर्पित है वहीं पूर्णिमा तिथि पर भगावन विष्णु की पूजा की जाती है. ऐसे में मार्गशीर्ष की पूर्णिमा खास महत्व रखती है.मान्यता है कि पूर्णिमा पर व्रत रखकर भगवान सत्यनारायण की कथा करने से देवी लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है. मार्गशीर्ष की पूर्णिमा पर ही त्रिदेव(ब्रह्मा, विष्णु, महेश) के अंश भगवान दत्तात्रेय का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है.आईए जानते है क्या है पूजा विधि और मुहूर्त आइए जानते हैं.
According to the Hindu calendar, the full moon day is the last day of every month. Currently, the month of Marshish is going on, it is dedicated to Lord Krishna, an incarnation of Lord Hari, while Lord Vishnu is worshiped on the full moon date. In such a situation, the full moon of Margashirsha holds special importance. It is believed that Goddess Lakshmi is very happy by keeping a fast on the full moon and reciting the story of Lord Satyanarayan. The birth anniversary of Lord Dattatreya, part of the Trinity (Brahma, Vishnu, Mahesh) is also celebrated on the full moon day of Marshish. Let us know what is the method of worship and the auspicious time.
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