BHU से सेवानिवृत्त प्रो. केवी कृष्णन (97) ने बताया कि तमिल के राष्ट्रकवि सुब्रहमण्यम भारती उनके मामा थे। उनका काशी से पुराना रिश्ता है। उन्होंने बताया कि 16 वर्ष की अवस्था में राष्ट्रकवि 1898 में वाराणसी आए थे...
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