छठ पूजा का पर्व 4 दिन तक चलता है। हमारे देश में जितने भी व्रत किए जाते हैं, उनमें सबसे कठिन व्रतों में छठ पूजा व्रत को भी रखा जाता है। इस पर्व के दौरान व्रती करीब 36 घंटे निर्जल रहता है और समय-समय पर पूजा-पाठ से जुड़े विधि-विधान करता है। आमतौर पर महिलाएं ही इस व्रत को धारण करती हैं। छठ पूजा के दौरान सूर्य देव की पूजा की जाती है। इस पूजा की शुरुआत नहाए-खाए से होती है। दूसरा दिन खरना होता है और इस दिन पूजा के लिए प्रसाद बनाया जाता है। पूजा के तीसरे दिन व्रती डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देता है और पूजा के चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत संपन्न किया जाता है। छठ पूजा पर नहाय खाए के दिन क्या खाया जाता है क्या नहीं आईए आपको बताते है ।
The festival of Chhath Puja lasts for 4 days. Of all the fasts observed in our country, Chhath Puja fast is also kept among the most difficult fasts. During this festival, the fast remains waterless for about 36 hours and from time to time performs rituals related to worship. Usually women observe this fast. Sun God is worshiped during Chhath Puja. This worship begins with a bath. The second day is Kharna and on this day prasad is made for worship. On the third day of the puja, the fasting person offers Arghya to the setting sun and on the fourth day of the puja, the fast is concluded by offering arghya to the rising sun. Let us tell you what is eaten and what is not eaten on the day of taking bath on Chhath Puja.
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